इन दिनों बदलते लाइफ स्टाइल और सही समय पर खानपान नहीं होने की वजह से कई महिलाओं और लड़कियों को पीरियड के दौरान कई तरह की परेशानियों को झेलना पड़ता हैं। पीरियड के इन परेशानियों में असहनीय दर्द से लेकर हेवी ब्लीडिंग और इर्रेगुलर पीरियड्स के कारण अधिकतर महिलाएं और लड़कियां उन दिनों में बेटर फील नहीं कर पाती हैं। कई महिलाओं के साथ ऐसा भी होता है कि पीरियड के दौरान उनकी तकलीफ इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि उन्हें पेन किलर जैसे दवाइयों का सेवन करना पड़ जाता है। बता दे कि पीरियड के दौरान बिना डॉक्टर की सलाह के  किसी भी दवाई का सेवन करना आपके सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।

     आज के कुछ सीखें के इस आर्टिकल में हम आपको  10 ऐसे घरेलू नुस्खों के बारे में बताएंगे, जिसे अपनाकर आप पीरियड्स के उन दिनों में भी आम दिनों की तरह अच्छा महसूस कर पाएंगीं। 

पोषक तत्वयुक्त आहार का सेवन करें :

         आपको अपने आहार में ऐसे कार्बोहाइड्रेट को शामिल करना चाहिए, जिसमें फाइबर भी होता है, क्योंकि ये सेरोटोनिन हार्मोन को जनरेट करते हैं, जो आपके मूड को ठीक करता है। इसके लिए आप बिन्स, दाल, ब्राउन राइस और ओट्स जैसे कार्बोहाइड्रेट को ले सकते हैं।

       आप चाहे तो डार्क  चॉकलेट को भी अपने डेली रूटीन में एक बाइट के रूप में ले सकते हैं, क्योंकि ये आयरन और मैग्नीशियम का एक अच्छा स्रोत होता है। ये पीरियड के दौरान ऐंठन और चिड़चिड़ापन जैसे अन्य सिम्टम्स को दूर करने में मदद करता है।  पीरियड के दौरान आयरन की भी कमी होती है, जिसको भी डार्क  चॉकलेट से दूर किया जा सकता है। पीरियड के समय  अपने आहार में मांस, अंडे और हरी पत्तेदार सब्जियों को भी शामिल कर सकती हैं। प्रोटीन युक्त भोजन भी आपके पीरियड्स को नियमित करने में मदद करते हैं। अपने आहार में प्रोटीन को शामिल करने के लिए दूध दही के साथ बिन्स और फलिया को भी शामिल करें। 

ताजे फलों को अपने डाइट में शामिल करें :

       पीरियड के दौरान आप विटामिन सी और बीटा कैरोटीन से भरपूर ताजे फलो का सेवन करें, क्योंकि ये उन दिनों में हार्मोन्स को बैलेंस बनाये रखने में मदद करते हैं। बीटा कैरोटीन के लिए आप गाजर, आम, शकरकंद जबकि विटामिन सी के लिए आप खट्टे फल जैसे संतरा और नीबू आदि का सेवन कर सकती हैं।

अदरक, हल्दी जैसे मसालों का सेवन करें :

        अदरक पीरियड से जुड़ी सभी प्रॉब्लम से छुटकारा दिलाने में बेहद असरदार है। अदरक के पानी को उबालकर पीने से पीरियड को रेगुलर होने लगता है। तो 

इम्यूनिटी बूस्टर हल्दी भी मेन्स्ट्रूअल साइकल को नियमित करती है। अपने अनियमित पीरियड को नियमित करने के लिए आप रोजाना एक गिलास हल्दी दूध का सेवन जरूर करें। इसके अलावा आप सौंफ दालचीनी का भी नियमित सेवन करें ये, सेक्स हार्मोन को कंट्रोल करके आपके पीरियड को नार्मल करते हैं।

एक्सरसाइज करें :

      पीरियड्स के दिनों में एक्सरसाइज करने से आपके  प्रॉब्लम बढ़ेगी नहीं, बल्कि कम होगी। यदि आप पीरियड के दौरान  पेट, कमर और कूल्हों में दर्द से परेशान है साथ  ही आपको थकान भी महसूस होता है, तो एक्सरसाइज़ आपके लिए बेटर ऑप्शन हो सकता है। इन दिनों वर्कआउट करने से दर्द से आराम दिलाने वाला एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज़ होता है। साथ ही एक्सरसाइज करने से ब्लड सरकुलेशन भी सही तरीके से होता है, जिससे एक्स्ट्रा ब्लीडिंग होने की संभावना भी कम होती है।

पर्याप्त नींद लें और भरपुर पानी का सेवन करें :

       पीरियड के दौरान पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी होता है।  यदि आप पर्याप्त नींद लेती है, तो आपके अंदर के थकान दूर होती है जिससे आपका मूड काफी अच्छा होता है। इससे आपको चिचड़ापन, स्ट्रेस जैसी समस्या नहीं होती है। इसके अलावा आप पीरियड के दौरान भरपूर मात्रा में पानी का भी सेवन करें, क्योंकि पानी शरीर के अंदर और बाहर दोनों की गन्दगी को साफ करता है। यदि आप दिन में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी का सेवन करते हैं, तो आपको पीरियड में होने वाले दर्द से राहत मिलती है। 

कैफीन और जंक फूड का सेवन कम करें :

        शराब, कैफीन और जंक फूड  का अधिक सेवन से महिलाओं के पेट के निचले हिस्से में सूजन होने की संभावना होती है। जिसकी वजह से उन्हें पीरियड के दौरान तेज दर्द हो सकता है। साथ ही जंग फूड अधिक खाने से कब्ज और दस्त की शिकायत भी हो सकती है। इसलिए कैफीन और जंक फूड का सेवन सीमित मात्रा में करें।

 ज्यादा स्ट्रेस लेने से बचें :

       किसी भी तरीके का स्ट्रेस महिलाओं के पीरियड के अवधि पर इफ़ेक्ट करता है। स्ट्रेस के कारण होने वाली प्रॉब्लम में तेजी से सांस लेना, पेट दर्द, दस्त, मिस्ड पीरियड्स शामिल हो सकते हैं।  कभी-कभी तो स्ट्रेस के कारण पीरियड्स अस्थायी रूप से रुक जाते है।  इसलिए हर हाल में ज्यादा स्ट्रेस लेने से बचें।

वजन को कंट्रोल में रखें :

     जैसे ही पीरियड्स का पहला दिन आता है, महिलाओं के शरीर में  पानी जमा होना शुरू हो जाता है, जिसके कारण पीरियड के दौरान महिलाओं का वजन बढ़ा हुआ महसूस होता है, क्योंकि पीरियड के टाइम में शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की मात्रा भरपूर होती है। ये हार्मोन आपके भूख को बढ़ाता है, जिसके कारण आप अधिक मीठा और नमकीन खाने के लिए उत्सुक हो जाते हैं और आपका वजन बढ़ने लगता है।

बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन ना करें :

जो महिलाएं प्रेगनेंसी को कंट्रोल करने के लिए नियमित रूप से बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करती हैं, उनके साथ अधिकतर इरेगुलर पीरियड की समस्या बनी रहती है। साथ ही इन पिल्स के कारण उन्हें हैवी ब्लीडिंग के समस्या को भी झेलना पड़ता है।

थायराइड की जांच करवाएं :

 थायराइड की बीमारी से पीड़ित महिलाओं को अक्सर पीरियड में तेज दर्द और समय से पीरियड ना आने की समस्या होती रहती है। इसके अलावा डायबिटीज वाली महिलाओं में भी  अनियमित पीरियड की समस्या आम तौर पर देखी गई है।

डिस्क्लेमर :

इस आर्टिकल में बताए गए सलाह और सुझाव केवल सामान्य हेल्थ उद्देश्य के लिए हैं। इसे  पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी के लिए एक बार  अपने डॉक्टर से सलाह लें ले।

           तो दोस्तों, आज के कुछ सीखें के इस आर्टिकल में हमने 10 घरेलू उपचार, जो पीरियड प्रॉब्लम से छुटकारा दिलाये, से संबंधित जानकारी शेयर की है। यदि पीरियड से जुड़ी और कोई जानकारी आपको चाहिए होगी, तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं और यदि आर्टिकल पसंद आया है तो इसे अपनों के साथ शेयर करें। 

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