क्या आपको प्रेगनेंसी कंसीव करने के पहले ही मिसकैरेज के कंडीशन से डर लग रहा है? क्या आप  जानना चाहते हैं कि मिसकैरेज आखिर होता क्यों है?क्या बार-बार आपको मिसकैरेज की प्रॉब्लम हो रही है? क्या आप मिसकैरेज से बचने के उपाय ढूंढ रहे हैं? अगर इनमें से किसी भी सवाल का जवाब आपके हां में है तो ये आर्टिकल बस आपके लिए हैं, क्योंकि आज के कुछ सीखें के इस आर्टिकल में हम आपको मिसकैरेज क्यों होता है? इससे से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी शेयर करने आये है, लेकिन इससे पहले हम ये समझ लेते हैं कि :

मिसकैरेज क्या होता है?

प्रेगनेंसी के शुरुआती 20 हफ्ते में किसी भी कारण से एंब्रियो की एक्टिविटी खत्म होना यानि मां के पेट में पल रहे बच्चे का हार्टबीट बंद होने को मेडिकल भाषा में मिसकैरेज नाम दिया गया है। मिसकैरेज होने के लिए हर महिलाओं की प्रॉब्लम समान होना जरूरी नहीं है, अलग-अलग महिलाओं के साथ अलग-अलग कंडीशन में मिसकैरेज हो सकते है। 

       कई सर्वे रिपोर्ट के अनुसार आजकल के बदलते रहन-सहन के कारण मिसकैरेज की समस्या लगभग सामान्य सी हो गई है। मेडिकल भाषा में मिसकैरेज को कई अलग-अलग प्रकारों में डिवाइड किया गया है, जिसमें केमिकल मिसकैरेज, ब्लाइटेड ओवम, मिस्ड मिसकैरेज, थ्रेट्‌न्ड मिसकैरेज, इनएविटेबल मिसकैरेज, कंप्लीट और इनकंप्लीट मिसकैरेज आदि शामिल है। एक आंकड़े के अनुसार प्रत्येक 100 में से 16 महिलाएं कभी न कभी मिसकैरेज समस्याओं को झेलती हैं। कई बार तो महिलाओं के साथ प्रेगनेंसी का पता चलने से पहले ही मिसकैरेज हो जाता है। बढ़ती उम्र में प्रेगनेंसी कंसीव करने के कारण भी मिसकैरेज की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।

क्यों होता है ये मिसकैरेज?

अब तक हमने समझा कि मिसकैरेज क्या होता है? लेकिन अब हम मिसकैरेज क्यों होता है? इसके कुछ सामान्य कारणों को जानेंगे :

1. जब  प्रेग्नेंट महिला के बच्चेदानी में किसी प्रकार के बीमारी के कारण इंफेक्शन होता है , तब मिसकैरेज होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। 

2. यदि किसी महिला के बच्चेदानी का आकार एवरेज से भी कम होता है, तब पेट में पलने वाले बच्चों को पूर्ण रूप से पोषण नहीं मिल पाता है, ऐसे में मिसकैरेज होने की पॉसिबिलिटी बढ़ जाती है।

3. कई सर्वे रिपोर्ट के अनुसार ये भी माना गया है कि शराब सिगरेट जैसे नशीली दवाओं का सेवन करने वाली अधिकांश महिलाओं के साथ मिसकैरेज होता है। 

4. कुछ महिलाओं को थायराइड जैसी गंभीर बीमारियां होती हैं, ऐसे में वो काफी लंबे समय से कई दवाइयों का सेवन करती रहती है। इस वजह से भी उनका मिसकैरेज हो जाता है। 

5. कई बार पुरुषों के स्पर्म में भी बच्चे बनाने वाले जीवाणु नहीं होने के कारण प्रेगनेंसी कंसीव होने के बाद भी मिसकैरेज हो जाते हैं।

6. कई बार शरीर से कमजोर महिलाओं को जबरदस्ती प्रेगनेंसी कंसीव करने के लिए दबाव दिया जाता है, ऐसी कंडीशन में महिलाएं प्रेगनेंसी कंसीव तो कर लेती है लेकिन बच्चे के विकास के लिए उनका शरीर तैयार नहीं होता है, इसलिए मिसकैरेज हो जाता है।

7. आज के समय में डायबिटीज, किडनी स्टोन, हाई बीपी जैसी बड़ी बीमारी भी मिसकैरेज की पॉसिबिलिटी को बढ़ाता है 

8. प्रेगनेंसी के दौरान कोई असामान्य काम जैसे अधिक वजन उठाना, ज्यादा खेलकूद करना, दौड़ना आदि बच्चे की ग्रोथ के लिए अच्छा नहीं माना गया है। ऐसे किसी काम को करने से मिसकैरेज होने की पूरी संभावना  रहती है।

अब जानते है, घर पर कैसे समझे कि मिसकैरेज  हुआ है?

प्रेगनेंसी में मिसकैरेज होने के सिम्टम्स के बारे में लगभग हर महिलाओं को पता होना चाहिए, ताकि समय से ही डॉक्टर को दिखाया जा सके। आइए जानते हैं मिसकैरेज के कुछ सिम्टम्स के बारे में  : 

  • अचानक से शारीरिक वजन में कमी आना।
  • बहुत अधिक बैक पेन होना।
  • बहुत अधिक दर्द के साथ पीरियड का आना।
  • पेट में बार-बार मरोड़े जैसा दर्द का उठना।
  • वाइट डिस्चार्ज का अधिक मात्रा में निकालना।
  • प्रेगनेंसी के सिम्टम्स में कमी आना।
  • वेजिना से ब्लड क्लोटिंग का बाहर निकलना।
  • वेजिना में बहुत तेज दर्द होना।

इनमें से कोई भी सिम्टम्स आपको नजर आए, तो बिना समय गवाएं, अपने डॉक्टर से एक बार कंसल्ट जरूर कर ले।

बार-बार मिसकैरेज से महिलाओं को होने वाले नुकसान :

       एक सामान्य सी बात है कि बार-बार मिसकैरेज  होने से महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं मिसकैरेज से होने वाले ऐसे ही कुछ नुकसान के बारे में :

इससे महिलाओं में आयरन की कमी हो जाती है, जो एनीमिया के खतरे को बढ़ाता है ।

सर्वाइकल अक्षमता होता है, यानि गर्भाशय भविष्य में प्रेगनेंसी रोकने में सफल नहीं हो पाते है।

 बार-बार मिसकैरेज होने से गर्भाशय के फटने का खतरा बढ़ जाता है।

  इसलिए कोशिश करनी चाहिए क़ि बार-बार मिसकैरेज की कंडीशन  ना हो।

मिसकैरेज की समस्या से कैसे बचें :

      इसके लिए कुछ उपाय हमने आर्टिकल में आगे बताया है। यदि आप इन बातों का ध्यान रखते हैं, तो भविष्य में शायद मिसकैरेज की प्रॉब्लम से आप बच सकते हैं  :

1. प्रेगनेंसी में अच्छे-आदतों जैसे टाइम से खाना, पूरी नींद लेना, भरपूर पानी पीना आदि को अपनाना 

2. अपनी डाइट में पौष्टिक आहार जैसे ताजे फल, सब्जी और सलाद व जूस आदि को ज्यादा से ज्यादा शामिल करें। 

3. प्रेगनेंसी वाले कुछ जरूरी एक्सरसाइज करें।

4. ध्रुमपान, मदिरा को पूर्ण रूप से अवॉइड करें  ।

5. चाय कॉफी और कोल्ड ड्रिंक आदि का कम से कम सेवन करें।

मिसकैरेज के बाद सेक्स कब करें :

कई कपल के मन में एक सवाल अक्सर रहता है कि मिसकैरेज के बाद सेक्स कब करना चाहिए ?, तो आपको बता दें क़ि मिसकैरेज के बाद यदि गर्भाशय खुला हो और थोड़ा बहुत ब्लीडिंग कंटिन्यू हो, इस समय सेक्स करने से इंफेक्शन होने का खतरा होता है। इसलिए मिसकैरेज के बाद ब्लीडिंग स्टॉप होने और गर्भाशय का मुंह बंद होने के बाद ही सेक्स करने का सही समय माना गया है। ये टाइम मिसकैरेज के बाद 3 हफ्ता से लेकर 1 महीने तक हो सकता है। कई बार पुरुषों को सेक्स करने का मन होता है, लेकिन महिलाओं का शरीर मिसकैरेज के बाद सेक्स करने के लिए पूरी तरह फिट नहीं होता है। इसलिए ऐसे समय में पुरुषों को ना तो महिलाओं को सेक्स के लिए फोर्स करना चाहिए और ना ही महिलाओं को पुरुषों का मन रखने के लिए सेक्स करना चाहिए। बेहतर होगा कि इस समय कपल शारीरिक रूप से दूरी बनाकर एकदूजे को मानसिक रूप से सपोर्ट करें।

डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल में बताए गए सलाह और सुझाव केवल सामान्य हेल्थ उद्देश्य के लिए हैं। इसे  पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी के लिए एक बार  अपने डॉक्टर से सलाह लें ले।

       तो दोस्तों, कुछ सीखें में हमारे आज के इस आर्टिकल में हमने मिसकैरेज क्यों होता है? इससे जुड़ी सभी जानकारी को शेयर करने की कोशिश की है। उम्मीद करते हैं आपको हमारा ही आर्टिकल अच्छा लगा होगा। यदि ये आर्टिकल आपके लिए थोड़ी भी हेल्पफुल हो तो  इसे लाइक करें और अपनों के साथ शेयर करें और अब भी  यदि आपके मन में मिसकैरेज से जुड़े और कोई सवाल हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। 

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