यदि बैंक या वित्तीय संस्थानों द्वारा पर्सनल लोन, होम लोन या किसी प्रकार के लोन लेने के लिए अप्लाई किया जाता हैं, तो बैंक या संबंधित संस्थान द्वारा लोन आवेदक से लोन देने के पहले अनुबंध सहमति लिया जाता है। इस यह सहमति को लोन एग्रीमेंट का नाम दिया गया है। आज के “कुछ सीखे” लेख में हम आपको लोन एग्रीमेंट क्या है? इससे जुड़ी सारी जानकारी बताने वाले है।

 लोन एग्रीमेंट क्या होता है?

    लोन एग्रीमेंट को हिंदी में ऋण अनुबंध पत्र भी कहा जाता है। यह स्टांप पेपर पर बनाया गया एक लीगल दस्तावेज होता है। इस दस्तावेज में पैसा देने वाले कॉलम में बैंक या वित्तीय संस्थान का विवरण होता है और पैसा लेने वाले में लोन के लिए आवेदन करने वाले का व्यक्तिगत और व्यासयिक ब्यौरा होता है। साथ ही इसमें लोन से जुड़ी नियम और शर्तें होती हैं, जिसका यथार्थ पालन लोन लेने वालों को करना होता है।

   लोन एग्रीमेंट साइन करने के उपरांत ही लोन लेने वाला व्यक्ति और संबंधित संस्थान अनुबंध शर्त के पालन के लिए बाध्य हो जाते हैं।

 लोन एग्रीमेंट का उपयोग

     व्यक्तिगत लोन, कार लोन, फैमिली लोन, स्टूडेंट लोन, बिजनेस लोन, होम लोन या किसी भी प्रकार का लोन हो। सबके लिए लोन एग्रीमेंट का उपयोग किया जाता है।

 क्यों जरूरी है लोन एग्रीमेंट

     बैंक या वित्तीय संस्थानों द्वारा दिया जाने वाला लोन दिए गए निश्चित समय के अंदर संबंधित संस्थानों को वापस प्राप्त हो सके। साथ ही लोन लिए जाने वाले व्यक्ति द्वारा लोन का सही उपयोग किया जा कर लोन को निश्चित समय में चुका दिया जाए। इन सब जानकारी का लिखित प्रमाण हो, जो सरकार ( रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ) और कानून दोनों के द्वारा मान्य हो, इसलिए लोन एग्रीमेंट जरूरी होता है।

     लोन एग्रीमेंट के महत्व इस प्रकार है :

  • इसमें पैसा लेन देन का वास्तविक प्रमाण होता है।
  • दोनों पक्षों की ओर से धोखा या फ्रॉड की संभावना नहीं के बराबर है।
  • एग्रीमेंट के उल्लंघन होने पर दोनों पक्ष को कोर्ट तक भी जा सकते हैं।
  • दोनों पक्ष के हितों की रक्षा करता है।

 लोन एग्रीमेंट फॉर्मेट इन हिंदी

  •  लोन एग्रीमेंट फॉर्मेट में सबसे ऊपर लोन लेने की तारीख और स्थान का विवरण होता है।
  • इसके बाद दोनों पक्षों में बैंक या वित्तीय संस्थान और लोन आवेदक का नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि का विवरण होता है।
  • अगले कॉलम में लोन के विटनेस यानि गारंटर की संख्या और उनका नाम, पता का संपूर्ण विवरण दिया जाता है।
  • अब लोन में दिए और लिए जाने वाले अमाउंट का उल्लेख होता है।
  • फिर कितना चक्रवृद्धि ब्याज या सामान्य ब्याज लगेगा,उसका विवरण होता है।
  • लोन चुकाने वाले समय के विवरण के बाद, लोन पर लगने वाले ब्याज दर समय के साथ बदलेंगे या फिक्स रहेंगे, इसकी जानकारी होगी।
  • इसके बाद लोन भुगतान करने की विधि और लोन वसूली की प्रक्रिया का विवरण होगा।
  • अंत में, समय पर लोन नहीं चुका पाना या संस्थान द्वारा कोई समस्या होने पर कानूनी कार्यवाही के लिए बाध्य होने संबंधी जानकारी होगी।

      ( लोन एग्रीमेंट फॉर्मेट का फोटो लगाना है )

 इंर्पोटेंट टर्म्स एंड कंडीशन ऑफ लोन एग्रीमेंट

     लोन एग्रीमेंट करने के पहले अलग-अलग बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा अपने कंपनी के अधीन कुछ मुख्य नियम और शर्तें रखी जाती है, जिससे आपको जाना चाहिए।

 यहां हम आपको एग्जांपल के रूप में बंधन बैंक के पर्सनल लोन के टर्म एंड कंडीशन को बता रहे हैं –

1. प्रोसेसिंग फीस – लोन अमाउंट का 1% और जीएसटी जमा करना होगा।

2. ब्याज दर – फिक्स और फ्लेक्सिबल दो प्रकार के ब्याज दर होते हैं, लोन आवेदक अपनी सुविधानुसार चयन कर सकता है।

3. पेनाल्टी चार्ज – लोन अमाउंट का ईएमआई चुकाने में देरी होता है, तो पेनाल्टी चार्ज लगाया जाएगा। जो लोन अमाउंट का महीना का 2% और साल का 24% तक हो सकता है।

4.रीपेमेंट – लोन का मासिक ईएमआई बराबर साल के हिसाब से बांट कर चुकाया जाता है। ईएमआई का पहला दिनांक लोन स्वीकृति  पत्र में लिखा रहता है।

5. लोन का उपयोग – जो आवेदन पत्र में लिखा गया है, उसे उद्देश्य के लिए लोन का उपयोग हो।

6. इंश्योरेंस – लोन प्रोटेक्टर  के रूप में लोन लेते समय लोन इंश्योरेंस लेना होता है।

7. लोन डिसबर्समेंट– स्वीकृत लोन अमाउंट सेविंग या करंट अकाउंट में ही आएगा।

8.बंधन बैंक – आरबीआई या किसी सरकारी क्रेडिट संस्थान को लोन आवेदक के सारे संबंधित जानकारी देने का अधिकार रखता है।

 लोन एग्रीमेंट करने के पूर्व ध्यान देने वाली बातें

     यदि आप लोन आवेदक हैं, तो लोन एग्रीमेंट करने के पूर्व आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • किसी भी संस्थान से लोन लेने के पूर्व अलग-अलग संस्थानों के लोन के ब्याज दर की अच्छे से तुलना कर लेनी चाहिए।
  • लोन के लिए अप्लाई करने के बाद तैयार किये गए लोन एग्रीमेंट को साइन करने के पहले पूरी अच्छी तरह यानि पूरे कॉलम को ध्यानपूर्वक पढ़े और समझे।
  • ब्याज के फिक्स रेट या फ्लैक्सिबल रेट को भी अच्छे से समझ ले, ताकि फ्यूचर में आपको अधिक ब्याज ना देना पड़े।
  • लोन एग्रीमेंट में उल्लेखित लोन भुगतान की अवधि आपके लिए सही है या नहीं, यह भी तय कर ले।
  • लोन एग्रीमेंट में डाली गई ईएमआई की राशि आपके मासिक बजट के अंतर्गत है या नहीं,  यह भी ध्यान देवें।
  • लोन प्रीपेमेंट पर कोई चार्ज तो नहीं देना होगा, यह भी अच्छे से पता कर ले।
  • लोन भुगतान की प्रक्रिया जो आपने सेलेक्ट किया है, वही लोन एग्रीमेंट में है या नहीं यह भी एक बार चेक करें।

 लोन एग्रीमेंट से जुड़े कुछ सवाल

लोन एग्रीमेंट में विटनेस का क्या रोल होता है?

    बैंक गारंटर या विटनेस वह होता है,जिनका उल्लेख लोन एग्रीमेंट में आवेदक द्वारा कही गई बातों पर सहमति देने का होता है। गारंटर के वर्तमान स्थिति की जाँच करने के बाद बैंक तय करते हैं कि वह भविष्य में लोन का भुगतान कर सकते हैं। इसी आधार पर उन्हें गारंटर बनाया जाता है।

 लोन आवेदक के लिए गारंटर का रोल –

  •  कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान लोन राशि को देने के लिए विटनेस या गारंटर के हस्ताक्षर को अनिवार्य करता है। इसके बिना लोन राशि नहीं दी जा सकती है।
  • लोन नहीं चुकाने की स्थिति में लोन राशि को चुकाने की जिम्मेदारी लेता है। इसलिए अधिकतर लोन आवेदक लोन लेने के दौरान अपने करीबी, रिश्तेदार या दोस्त को गारंटर बनाते हैं।

 बैंक या वित्तीय संस्थान के लिए गारंटर का रोल –

  • गारंटर कर्जदार द्वारा लोन नहीं चुका पाने पर लोन चुकाने के लिए बैंक या वित्तीय संस्थान के लिए महत्वपूर्ण जरिया है।

लोन अकाउंट नंबर कैसे सर्च करें?

    किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा लोन एग्रीमेंट साइन होने के बाद उस लोन आवेदक को लोन अकाउंट नंबर (LAN)दिया जाता है। इस अकाउंट में लोन से जुड़ी सारी जानकारी का विवरण होता है। इसके लिए संबंधित बैंक या संस्थान की वेबसाइट या मोबाइल बैंकिंग एप में जाकर कस्टमर लॉगिन में जाये। यहां अपने बैंक अकाउंट से रजिस्टर करने पर आपको अपना लोन अकाउंट नंबर प्राप्त हो जाएगा। आप चाहे तो बैंक के टोल फ्री नंबर या हेल्पलाइन नंबर पर भी कॉल करके अपने लोन अकाउंट नंबर को प्राप्त कर सकते हैं।

क्या लोन एग्रीमेंट साइन होने के बाद भी लोन रिजेक्ट हो सकता है?

 लोन एग्रीमेंट साइन होने के बाद लोन रिजेक्ट नहीं हो सकती है, क्योंकि लोन एग्रीमेंट आवेदक और गारंटर के पूरे डॉक्यूमेंट के सत्यापन के बाद ही तैयार की जाती है।

     तो दोस्तों आज के इस कुछ सीखें लेख में हमने आपके साथ लोन एग्रीमेंट क्या है? इससे जुड़ी सारी जानकारी शेयर की है। उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। तो कमेंट जरूर करें।

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ऑनलाइन फ्रॉड क्या है? - कुछ सीखे · 05/09/2022 at 3:01 pm

[…] लोन एग्रीमेंट क्या है? […]

बॉडीबिल्डिंग सप्लीमेंट कब ले - कुछ सीखे · 21/03/2024 at 9:01 pm

[…] लोन एग्रीमेंट क्या है? […]

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