क्या पीरियड में गर्भधारण कर सकते है ? पीरियड (मासिक धर्म ) के दौरान हर महिलाओं में अलग-अलग इच्छाएं जागृत होती है। कुछ महिलाएं केवल आराम करना चाहती है। इस दौरान वो अपने साथी से दूरी बनाये रखना चाहती है। जबकि कुछ महिलाओं को हमेशा की तरह पीरियड के दौरान भी अपने साथी के साथ संबंध बनाने में अच्छा लगता है । कुछ ऐसी भी महिलाएं होती है, जिन्हे पीरियड के दौरान ही संभोग (सेक्स) करने की इच्छा अन्य दिनों के तुलना में ज्यादा महसूस होती है। 

      अक्सर महिलाएं सोचती है, पीरियड के दौरान संभोग ( सेक्स ) करने से वो गर्भधारण नही कर सकती है, क्योंकि  उनका शरीर पहले से ही अंडाशय (ओवरी) से उत्सर्जित अंडा को रक्तस्त्राव  के माध्यम से शरीर से बाहर कर रहा है। ऐसे में स्पर्म से निषेचन (फर्टिलाइजेशन) की संभावना नही हो सकती है । हालांकि ये तथ्य सही है कि पीरियड के दौरान महिलाओं के शरीर के अंडाशय से निकलने वाला अंडा रक्तस्त्राव के द्वारा बाहर हो जाती है । लेकिन पीरियड (मासिक धर्म) के दौरान महिलाएं गर्भवती (प्रेग्नेंट) नही हो सकती है , ये धारणा बिल्कुल गलत है। पीरियड के दौरान भी अपने साथी के साथ संबंध बनाने से महिलाएं गर्भधारण कर सकती है। हालांकि ऐसी स्थिति बहुत ही कम होती है। लगभग पांच से छै हज़ार महिलाओं में से एक महिला में ऐसी स्थिति देखने को मिलती है।

     पीरियड में महिला गर्भधारण कैसे कर सकती है , इसके बारे में जानने के पहले आपको गर्भधारण प्रकिया और अण्डोत्सर्ग प्रकिया के बारे जानना होगा ।

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कैसे होता है , गर्भधारण –

pregnant lady

      एक महिला के अंडे (एग) से एक पुरुष के शुक्राणु (स्पर्म) का महिला के फेलोपियन ट्यूब में मिलन के बाद निषेचन की प्रक्रिया होती है। उसके बाद गर्भधारण की स्थिति निर्मित होती है। एक महिला के अंडाशय से उत्सर्जित अंडा लगभग 12 से 24 घंटे तक जीवित रह सकता है । जबकि एक पुरुष के पेनिस से उत्सर्जित शुक्राणु महिला के शरीर मे 4 से 5 दिन तक जीवित रह सकता है। यदि महिला की जनन सर्वाइकल तरल ना हो , तो ये शुक्राणु 1 से 2 दिन तक ही जीवित रह पाते है। सामान्य तौर पर अधिकांश गर्भवस्था अण्डोत्सर्ग के दिन संभोग करने से होती है।

क्या है, अण्डोत्सर्ग (ओवलुशन ) प्रकिया और ये किस दौरान होती है – क्या पीरियड में गर्भधारण कर सकते है ?

     अण्डोत्सर्ग वो प्रक्रिया होती है , जब महिला का शरीर के अंडाशय से अंडा का उत्सर्जन होता   है । वैसे तो एक सामान्य महिला के पीरियड के बीच का अंतराल 28 दिन का होता है। जिसमे पहला दिन , पीरियड के पहले दिन को ही माना जाता है। आमतौर तब ओवलुशन की प्रकिया 12 वें, 13 वें और 14 वें दिन से शुरू हो जाता है। जिन महिलाओ में पीरियड 35 दिन के अंतराल में आता है , उनमे ओवलुशन 21 वें दिन के बाद होता है । जबकि 21 दिन से कम अंतराल में पीरियड आने वाले महिलाओ में ओवलुशन प्रकिया 7 वें दिन से ही शुरू हो जाती है।

        पीरियड में गर्भधारण की क्षमता वैसे तो बहुत कम होती है, लेकिन इसे एकदम से शून्य (जीरो) की श्रेणी में नही रखा जा सकता है । पीरियड के दौरान भी महिला गर्भवती (प्रेग्नेंट) हो सकती है, लेकिन उसके कुछ विशेष कारण है ।

आइये जानते है , पीरियड (मासिक धर्म) के दौरान भी गर्भवती (प्रेग्नेंट) होने के विशेष कारणों के बारे में विस्तार से – 

1. एक सक्रिय स्पर्म का महिला के फेलोपियन ट्यूब में पहले से उपस्थित रहना –

          कई बार ऐसा होता है कि महिलाएं पीरियड आने के एक से दो दिन पहले ही अपने साथी के साथ शारीरिक संबंध बना लेती है। तब ऐसी स्थिति में कई बार स्पर्म महिला के शरीर में चार से पांच दिन तक जिंदा रह सकते है। इस दौरान यदि महिला के शरीर के अंडाशय से अंडा उत्सर्जित हो जाता है । ऐसे में तब वो सक्रिय स्पर्म जो पहले से ही महिला के शरीर के फेलोपियन ट्यूब में उपस्थित है, वो उत्सर्जित अंडा से मिलकर निषेचन की प्रकिया को पूरा कर देता है । इसके बाद महिला गर्भधारण कर लेती है। हालांकि इस प्रकिया के पूरे होने के अवसर बहुत कम होते है, लेकिन ये भी पीरियड के दौरान गर्भवती (प्रेग्नेंट) होने का मुख्य कारण है।

2. महिला का पीरियड (मासिक धर्म) की प्रक्रिया नियमित रूप से नही होना –

menstrual cycle days

          पीरियड में गर्भधारण होने का दूसरा मुख्य वजह महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म चक्र होता है। अधिकतर महिलाओं में पीरियड का अंतराल 28 से लेकर 35 दिनों का होता है , लेकिन कई बार कुछ कारणों की वजह से उनका पीरियड अंतराल अनियमित हो जाता है। जिसके कारण उनका अण्डोत्सर्ग (ओवलुशन) समय चक्र भी बदलता रहता है । अनियमित पीरियड में महिलाओं को समझ नही आता है कि उनका ओवलुशन समय कब है । ऐसे में यदि किसी महिला में ओवलुशन हुआ है और उसके तुरंत बाद उसके पीरियड आ गए है। फिर वो  पीरियड के दौरान भी अपने साथी से सम्बन्ध बनाती है , तो उनके शरीर मे मौजूद अंडा फेलोपियन ट्यूब में साथी के स्पर्म से तुरंत ही संपर्क में आ जाएंगे। जिसके बाद महिला पीरियड के दौरान भी गर्भवती (प्रेग्नेंट) हो जाती है।

3. समय से पहले ओवलुशन प्रकिया का हो जाना – पीरियड में गर्भधारण कर सकते है?

         यदि किसी महिला में समय से पहले किसी भी कारण से ओवलुशन प्रक्रिया शुरू होता है अर्थात उसका शरीर अंडा उत्सर्जित कर देता है। इस दौरान वो महिला अपने साथी के साथ से सम्बन्ध स्थापित कर लेती है। तब महिला के पीरियड (मासिक धर्म) में गर्भधारण की संभावना काफी हद तक बढ जाती है। वैसे तो आमतौर पर पीरियड के शुरू होने से लेकर बारवें दिन से लेकर सोल्वें दिन तक ओवलुशन प्रक्रिया होता है। लेकिन यदि किसी महिला के पीरियड अनियमित है तो ऐसी स्थिति में ओवलुशन की प्रक्रिया कभी भी हो सकती है।

4. पीरियड के अंतिम दिनों में गर्भधारण की संभावना अधिक होती है – 

       यदि महिला पीरियड शुरू होने के एक या दो पूर्व में अपने साथी से शारीरिक संबंध नही बनाती है । तब पीरियड के शुरुवाती दिनों उनके गर्भधारण की संभावना बिल्कुल नही होती होती  है । लेकिन पीरियड के अंतिम दिनों में गर्भधारण की संभावना बढ़ते जाती है , हालांकि इस अवधि से लेकर 13 वें , 14 वें दिन गर्भधारण करने की संभावना केवल 9 से 10 प्रतिशत ही रहती है । जैसा कि आपको पहले ही बताया गया है कि ओवलुशन प्रक्रिया का समय पीरियड के पहले दिन के अनुसार ही निधार्रित होता है । ऐसे में जिन महिलाओ की पीरियड अवधि 7 से 8 दिन की और पीरियड के बीच का अंतराल 21 दिन से कम का होता है। उन महिलाओं का शरीर पीरियड के अंतिम दिनों में भी अण्डोत्सर्ग की प्रक्रिया को पूरा कर सकता है । तब ऐसी स्थिति में महिला अगर अपने साथी के साथ संभोग (सेक्स ) करती है , तो वो गर्भवती (प्रेग्नेंट) हो सकती है ।

5. ब्रेक थ्रू रक्तस्त्राव या हल्की रक्त स्पॉटिंग को पीरियड समझना –

      कभी-कभी कुछ महिलाओं में ओवलुशन के दौरान ब्रेक थ्रू रक्तस्त्राव या हल्की रक्त स्पॉटिंग हो जाती है। जिसे अक्सर महिलाये पीरियड समझने की गलती कर जाती है। पीरियड के भ्रम में अपने साथी के साथ संबंध बना लेती है। इस दौरान उनके शरीर मे पहले से अंडा का निष्कासन होता है, जो उनके साथी के स्पर्म से मिलकर निषेचन प्रक्रिया को पूर्ण कर  देती है।

        दोस्तो , अब शायद आपके मन मे चल रही दुविधा दूर हो गई होगी कि क्या महिलाये पीरियड के दौरान भी गर्भधारण कर सकती है । जो महिलाएं , गर्भवती होना चाहती है । वो पीरियड के दौरान भी  अपने  साथी सम्बन्ध बना सकती है। लेकिन यदि कोई महिला गर्भवती नही होना चाहती है , तो उन्हें पीरियड चक्र के साथ साथ इस लेख में बताये गए उपरोक्त बातों को ध्यान रखना आवश्यक होगा।

     सामान्य तौर पर लोग पीरियड में होने वाले रक्तस्त्राव को गंदगी मानते हुए इस दौरान सेक्स करने से कतराते है । पुराने समय मे तो पीरियड के दिनों महिलाओ को घर के एक कोने रखा जाता था। जिसकी थोड़ी मोड़ी सोच आज भी लोगो के मन मे समाय हुए है। जिसके कारण भी लोग मासिक धर्म के दौरान संभोग करने से कतराते है। बहुत लोगो का मानना है, पीरियड में सेक्स नही करना चाहिये। जबकि ऐसे भी बहुत सारे लोग है , जो पीरियड में संभोग (सेक्स) करें या ना करें , इसको सोच को लेकर थोड़ा सा दुविधा में जरूर रहते है। उनके मन में हमेशा एक प्रश्न रहता है कि पीरियड में सेक्स करना , क्या सुरक्षित है।  ज्यादातर महिलाये , पीरियड के अंतिम दिनों में संभोग की चाहत रखती है। यदि दोनों साथी पीरियड के दौरान संभोग (सेक्स) करने में सहज महसूस करते है । तो वो मासिक धर्म (पीरियड) के दौरान संभोग (सेक्स) करने की चाहत को जरूर पूरा करे , क्योंकि अब तक ऐसी कोई रिसर्च सामने नही आई है कि पीरियड सेक्स के दौरान महिला या पुरुष को कोई बड़ी बीमारी होने का खतरा हो सकता है।

      इस लेख में आगे हम आपको मासिक धर्म (पीरियड) के दौरान संभोग (सेक्स) करने से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताएंगे । तो पीरियड सेक्स के दौरान दोनों साथी कुछ विशेष बातों का ध्यान रख कर इस अवसर का पूरा आनंद ले सकते है। 

मासिक धर्म (पीरियड) के दौरान संभोग (सेक्स) करने के फायदे – क्या पीरियड में गर्भधारण कर सकते है ?

sperm count

     1. महिलाओ के शारीरिक दर्द में कमी – 

           पीरियड के दौरान बहुत सीे महिलाओं को सिर में दर्द , शरीर मे दर्द , ऐठन होते है। ऐसे में सेक्स करने से उनके शरीर का व्यायाम हो जाता है। साथ ही इस दौरान महिला के शरीर में कुछ सेक्सुअल हार्मोन्स का स्तर बढ़ जाता है , जो दर्द खत्म करने वाले गोलियों जैसे काम करता है। पीरियड में जिन महिलाओं को ज्यादा दर्द होता है, पीरियड सेक्स के दौरान उन्हें उन हर दर्द से राहत मिल जाती है।

     2.दोनो का मन तनावमुक्त होता है – 

           अक्सर पीरियड के दौरान महिला अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा तनावग्रस्त और चिड़चिड़ी हो जाती है । पीरियड सेक्स से उनके मूड में बदलाव आ जाता है और वो खुद तनावमुक्त महसूस करती है। साथ पुरुष साथी इस दौरान अच्छा महसूस करते है, क्योंकि पीरियड के कारण महिला की योनि पहले से तरल होती है। तो पुरुष को सेक्स के दौरान आसानी होती है।

      3.गर्भधारण की संभावना बहुत कम होती है – 

            जिन महिलाओं की मासिक धर्म चक्र छोटी होती है , उन महिलाओं में ही पीरियड सेक्स के दौरान गर्भधारण करने की सम्भवना होती है । हालांकि यह सम्भवना भी ना के बराबर ही होती है । इसके बारे में विस्तार से आपको ऊपर में बताया गया है ।

      4.पीरियड का समय-सीमा का कम होना –

             यदि महिला की पीरियड के समय अत्यधिक रक्तस्त्राव होता है। तब कुछ विशेष व्यवस्था जैसे कि बिस्तर पर सेक्स करते समय बड़े मोटे कपड़े या वेट वाइप्स साथ मे जरूर रखे । ताकि रक्त कही और ना फैले। यदि महिला की पीरियड अवधि लंबी है , तो पीरियड सेक्स करने से उनका रक्तस्त्राव कम होने के साथ साथ उनके पीरियड की समय-सीमा भी कम हो जाती है। ऐसा इसलिये होता है , क्योंकि सेक्स के बाद महिला के शरीर मे मसल कॉन्ट्रेक्शन होता है। जिसके कारण उनका गर्भाशय तेज़ी से भरने लगता है और रक्त का बहाव कम हो जाता है।

मासिक धर्म (पीरियड) के दौरान संभोग (सेक्स) करने के नुकसान- 

      सावधानी बरतते हुए यदि पीरियड के दौरान सेक्स किया जाए , तो  किसी प्रकार की नुकसान को झेलने की जरूरत नही पड़ेगी। इस दौरान सेक्स करने पर संक्रमण का खतरा बना रहता है। जिसे दूर करने के लिये कंडोम का उपयोग किया जा सकता है । चाहे तो शावर सेक्स को अपनाया जा सकता है, क्योँकि योनि में लगातार पानी पड़ने से , महिला शरीर से हो रहे  रक्तस्त्राव की नियमित रूप से सफाई होते रहेगी। 

      यदि पीरियड सेक्स बिस्तर या जमीन पर कर रहे होते है, तो इस बात का ध्यान जरूर रखे कि महिला नीचे की ओर लेटी हो और पुरुष ऊपर की तरफ रहे । ऐसा करने से रक्त का बहाव कम होता है। जिससे महिला को सहज महसूस होता है। यदि पीरियड सेक्स बिना किसी प्रोटेक्शन के कर रहे है, तब महिला पुरुष दोनो अपने निजी अंगों की सफाई अच्छे कर ले। ताकि सभी प्रकार के विपरीत आशंका से मुक्त रह सके।

      दोस्तो , आशा है इस लेख के पढ़ने के बाद आपको समझ आ गया होगा कि मासिक धर्म (पीरियड) के दौरान संभोग (सेक्स) करने से एक महिला किस स्थिति में गर्भधारण कर सकती है। साथ ही पीरियड सेक्स करना आपके लिये कितना फायदेमंद है। तो फिर अब सोचना बंद कीजिये। पीरियड के दौरान भी सेक्स का आनंद लीजिये।

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