आजकल बॉडी में स्टोन की समस्या बढ़ती जा रही है। शरीर के कई हिस्सों जैसे कि किडनी, गॉल ब्लेडर आदि जगह पर स्टोन की प्रॉब्लम होने से लोगों को असहनीय दर्द को चलना पड़ता है। शरीर में अलग-अलग जगह पर स्टोन बनने के अलग-अलग रीजन हो सकते हैं। अगर शुरुआती तौर पर स्टोन के बारे में पता लग जाए, तो इन्हें साधारण दवाइयों से ठीक किया जा सकता है, लेकिन कई बार स्टोन के समस्या गंभीर होने से ऑपरेशन करने की जरूरत महसूस होती है। आज के “कुछ सीखे” लेख में हम आपके लिए किडनी स्टोन से जुड़ी सारी जानकारी के साथ किडनी स्टोन लिपोसक्शन से इलाज कैसे किया जाता है? को बताने आए हैं।

किडनी स्टोन क्या है?

     यूरिन में खनिज और कई एसिडिक तत्व जैसे केमिकल पाए जाते हैं जो कभी कभी हार्ड क्रिस्टल या फिर सॉलिड पत्थर के रूप में जमा हो जाते हैं। जिसमें बड़ी मात्रा में कैल्शियम ऑक्सलेट और कैल्शियम फास्फेट शामिल होते हैं,  इसके कारण किडनी से यूरिन का डिस्चार्ज  मीडियम बाधित हो जाता है। यही सॉलि़ड क्रिस्टल को गुर्दे की पथरी या किडनी स्टोन कहा जाता है।

किडनी स्टोन / गुर्दे की पथरी प्रकार

    वैसे तो किडनी स्टोन के कई प्रकार से हो सकते हैं, लेकिन किडनी स्टोन के चार प्रकार को विशेष रूप से डिफाइन किया गया है –

  •  कैल्शियम स्टोन – जब किसी व्यक्ति के शरीर में पानी की मात्रा बहुत कम और कैल्शियम,ऑक्सलेट  और फास्फोरस की मात्रा बढ़ जाती है। तब किडनी स्टोन बनने की पूरी संभावना होती है।
  •  सिस्टीन स्टोन – यह जेनेटिक किडनी स्टोन होता है। ये मुख्य रूप से सिस्टीन अमीनो एसिड के अधिकता के कारण होता है, जो प्रोटीन और मेटाबोलिज में कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि ये किडनी स्टोन बहुत दुर्लभ होता है।
  • स्ट्रवाइट स्टोन – ये स्टोन अधिकतर उन महिलाओं में होता है, जो कि यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन से जूझ रही होती है। इस स्टोन से छुटकारा पाने के पहले इंफेक्शन से छुटकारा पाने की आवश्यकता होती है।
  • यूरिक एसिड स्टोन- जब यूरिन में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तब यूरिक एसिड स्टोन की समस्या होने लगती हैं। अधिक नॉनवेज खाने और प्यूरीनयुक्त आहार लेने के कारण इस प्रकार के स्टोन होने की संभावना होते हैं।

     

किडनी स्टोन के कारण और लक्षण

      किडनी स्टोन होने के कई कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं किडनी स्टोन होने की कुछ सामान्य कारणों के बारे में

  •  कई बार ये जेनेटिक भी होते हैं।
  • शरीर में पानी की कमी होने से यूरिन से वेस्ट मटेरियल को निकाल पाना मुश्किल हो जाता है, जिसके कारण ये पत्थर के रूप में जमा होने लगते हैं।
  • खानपान में अत्यधिक कैल्शियम और सोडियम, प्रोटीन की मात्रा ज्यादा हो तब भी किडनी स्टोन होने की संभावना होती हैं।
  • ऑक्सलेट  से भरपूर पदार्थों का अत्यधिक सेवन भी किडनी स्टोन का कारण हो सकते हैं।
  •  डायरिया और गैस्ट्रिक प्रॉब्लम जैसी बीमारियां भी किडनी स्टोन में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
  • किडनी स्टोन के बढ़ाने के अन्य कारकों में मोटापा, कुछ दवाई और सप्लीमेंट्स शामिल होते हैं। 

     किडनी स्टोन कभी-कभी बहुत छोटे पत्थर के रूप में निर्मित होता है, जिसे सामान्यतः कुछ सामान्य दवाइयों से  यूरिन के साथ बाहर लाया जा सकता है, लेकिन यदि किडनी स्टोन का आकार बढ़ रहा हो, तो इसे सामान्य नहीं समझना चाहिए। शरीर में किडनी स्टोन का आकार बढ़ रहा हो, तो इसको समझने के लिए कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं –

  •  पेट में जोरदार दर्द होने लगता है और  पेट के निचले भाग के आसपास लगातार दर्द बना रहता है।
  • कभी-कभी यूरिन में ब्लड की मात्रा भी आ जाती हैं और यूरिन में काफी बदबू भी आता है।
  • बार-बार वोमिटिंग और चक्कर आना जैसी समस्या होने लगती हैं।
  • पीठ और कमर में भी लगातार दर्द  बना रहता है। बुखार पसीना और थकान जैसी स्थिति महसूस होती हैं ।
  • भूख ना लगने और दस्त जैसी समस्या का बना रहना।
  •  ब्लड में पैरा थायराइड हार्मोन की मात्रा ज्यादा होना यानी कि हाइपरथायराइडिज्म  होने पर भी किडनी पथरी होने की संभावना बढ़ जाती है। 

किडनी की पथरी का ऑपरेशन कैसे होता है?

   किडनी की पथरी अगर वो 5 मिली मीटर या उससे  छोटी होती है तो कुछ दवाइयां के द्वारा यूरिन के माध्यम से बाहर निकाली जा सकती है। इससे बड़े आकार के  किडनी के पथरी के लिए लेजर विधि, दूरबीन विधि या चीरा लगाकर ऑपरेशन संभव है। किडनी स्टोन के ऑपरेशन मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं –

  • परक्यूटेनियस  नेफ्रोलिथोटॉमी – ये एक ऐसा ट्रीटमेंट है जिसमें पीठ में एक छोटे से कट के माध्यम से दूरबीनों या अन्य उपकरणों के माध्यम से किडनी स्टोन को निकाला जाता है।
  •  लेजर लिथोट्रिप्सी / यूरेटेरोस्कोपी  – यूरेटेरोस्कॉपी से ऑपरेशन के दौरान ब्लैडर, यूरेटर और  यूरेथ्रा के अंदर के किडनी स्टोन को यूरेटोस्कोप के माध्यम से देखा जाता है फिर उसे लेजर के द्वारा छोटे टुकड़ों में तोड़ कर शरीर से बाहर निकाला जाता है।
  • शॉकवेव लिथोट्रिप्सी – इस प्रकार के किडनी स्टोन ऑपरेशन के तहत स्टोन पर पानी के द्वारा  पावरफुल शॉकवेव्स डाली जाती है। ताकि वो शरीर को आसानी से छोड़कर अलग हो सके।

लेजर विधि द्वारा किडनी पथरी का ऑपरेशन कैसे होता है? | किडनी स्टोन लिपोसक्शन से इलाज कैसे किया जाता है?

      लेजर ऑपरेशन के तहत किडनी में किसी प्रकार का चीर फाड़ नहीं किया जाता है। इसलिए इसमें रिकवरी के लिए ज्यादा समय नहीं लगता है। लेजर ऑपरेशन के दौरान सबसे पहले शरीर को सुन्न करने के लिए एनेस्थीसिया दिया जाता है। इसके बाद यूरेटेरोस्कोप, जो कि एक पतले ट्यूब जैसा उपकरण होता है उसे से यूरिन नली में डाला जाता है और स्टोन तक पहुंचाया जाता है। इसी यूरेटेरोस्कोप के के जरिए लेजर बीम को भी किडनी स्टोन तक पहुंचाया जाता है, जो कि गुर्दे की पथरी के छोटे-छोटे टुकड़े कर देते हैं और किडनी स्टोन बारीक कण के रूप में यूरिन नली से बाहर निकल जाती हैं। इस प्रक्रिया को पूर्ण होने में कम से कम 2 घंटे का समय लगता है।

गुर्दे की पथरी का लेजर ऑपरेशन का खर्च कितना आता है?

    एक निजी अस्पताल में गुर्दे की पथरी के लेजर ऑपरेशन में खर्च में लगभग कम से कम  ₹20000 और अधिकतम ₹ 1 लाख तक हो सकता है। लेजर ऑपरेशन का खर्च शरीर से जुड़े अन्य बीमारियों और पथरी के आकार पर डिपेंड करता है। सरकारी अस्पताल में लेजर ऑपरेशन से किडनी स्टोन का इलाज फ्री है।

दूरबीन से पथरी का ऑपरेशन कैसे होता है?

    दूरबीन से ऑपरेशन करने पर व्यक्ति को ज्यादा दर्द और तकलीफ झेलने की आवश्यकता नहीं होती है। दूरबीन से ऑपरेशन की विधि को परक्यूटेनियस  नेफ्रोलिथोटॉमी ( पीसीएनएल ) कहा जाता है। ऑपरेशन में मरीज को एनेस्थीसिया देने के बाद के पीठ में एक ट्रैक के माध्यम से एक छोटा कट किया जाता है। इस कट में नेफ्रोस्कोप / दूरबीन द्वारा स्टोन को  देखकर अन्य उपकरणों  के माध्यम से पकड़कर स्टोन को बाहर निकाला जाता है।

दूरबीन विधि से पथरी का ऑपरेशन का खर्च कितना आता है?

   सभी प्राइवेट हॉस्पिटल दूरबीन विधि से पथरी का ऑपरेशन करने के लिए लगभग ₹20 हज़ार से ₹40 हज़ार तक का खर्च लेते हैं। हालांकि सभी सरकारी अस्पताल में यह सारी सुविधाएं मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती हैं।

       तो दोस्तों आज के कुछ सीखें  लेख में हमने आपसे किडनी स्टोन और किडनी स्टोन लिपोसक्शन से इलाज कैसे किया जाता है?, इससे जुड़ी सारी जानकारी बताई है। अगर लेख आपको पसंद आया हो तो कमेंट करें और किसी अपनों के जरूरत के लिए उन्हें शेयर करें।

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