अगर आप अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए डेली रूटीन मे एक्सरसाइज को शामिल करना चाहते हैं और आप बहुत तेजी से मसल्स  के साथ-साथ अपनी हड्डियों को भी मजबूत करना चाहते हैं। इसके लिए आप एनएरोबिक  एक्सरसाइज के बारे में अच्छे से जानना चाहते हैं तो आज के इस “कुछ सीखें” लेख में हम आपके लिए “एनएरोबिक व्यायाम क्या है?” से जुड़ी सारी जानकारी को लेकर आए है। तो आइए जानते हैं विस्तार से :

Table of Contents

एनएरोबिक एक्सरसाइज का क्या मतलब होता है?

        एनएरोबिक व्यायाम क्या है? इसे जानने से पहले हम व्यायाम क्या है? इसके प्रकार के बारे में थोड़ी चर्चा कर लेते हैं।

        व्यायाम (एक्सरसाइज) क्या है? – ऐसी शारीरिक गतिविधि, जो शरीर को स्वस्थ रखकर उसकी फिटनेस बनाए रखे। उन्हें व्यायाम कहा जाता है।

      एक्सरसाइज को मुख्य रूप से दो प्रकार में बांटा गया है : 

1.  एरोबिक एक्सरसाइज 2. एनएरोबिक एक्सरसाइज

एरोबिक एक्सरसाइज –  

ऐसे एक्सरसाइज  जो शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाते है अर्थात वो व्यायाम जो आपको सांस लेना महसूस कराते है। यह आरामदायक एक्सरसाइज होता है, जिसमें शरीर का प्रत्येक मसल्स एक साथ में काम करते है। इसे कोर्डियो एक्सरसाइज  या कार्डियोवैस्कुलर भी कहते है। जोगिंग करना, रस्सी कूदना, जुंबा डांस, सीढ़ी चढ़ना, टहलना, स्विमिंग करना, डांसिंग करना और साइकिल चलाना आदि एरोबिक एक्सरसाइज के उदाहरण है।

एनएरोबिक एक्सरसाइज़ – 

ऐसे एक्सरसाइज, जो बहुत ही कम समय के दौरान बहुत ही उच्च गति ( हाई स्पीड ) से किए जाते हैं, इसलिए इन्हें करने के दौरान ऑक्सीजन की निर्भरता महसूस नहीं होती है। इस दौरान शरीर प्राथमिक ऊर्जा को पाने के लिए शरीर के अंदर ग्लूकोज को तोड़ता है। इसे एनएरोबिक एक्सरसाइज कहते है। एनएरोबिक एक्सरसाइज के उदाहरण तेज गति से दौड़ना, भारोत्तोलन (वेटलिफ्टिंग ), जंपिंग, पुश अप आदि को देख सकते है।

      तो अब आपको एनएरोबिक व्यायाम क्या है?, इसके बारे मे पता चल गया है। 

एनएरोबिक एक्सरसाइज के कौन-कौन से होते है?

         अगर आप एनएरोबिक व्यायाम क्या है? इसके बारे में और भी विस्तार से जानना चाहते हैं। कौन कौन से एक्सरसाइज है, जो एनएरोबिक एक्सरसाइज के अंतर्गत आते है।  आप एनएरोबिक एक्सरसाइज के एग्जांपल को भी अच्छे से समझना चाहते हैं, हम लाये है आपके लिए 20 एग्जांपल ऑफ एनएरोबिक एक्सरसाइज :

वेटलिफ्टिंग ( weightlifting )- 

वेटलिफ्टिंग ( भारोत्तोंलन ) वेट लॉस के लिए अच्छा व्यायाम है। इसे जिम में या प्रशिक्षणों के निगरानी में ही करना चाहिए। या व्यायाम काफी अच्छा रिजल्ट देता है। आप अपनी क्षमता अनुसार अलग-अलग वेट लेकर अलग-अलग वेटलिफ्टिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं। 

जंपिंग जैक ( Jumping Jack ) – 

इसे स्टांप जंप भी कहते हैं,  यह कूद कर किया जाने वाला व्यायाम होता है। इसमें दोनों पैरों को चौड़ा करके दोनों हाथों को ऊपर ले जाते हुए ताली बजाकर जंपिंग करते हैं। फिर वापस उसी अवस्था में आ जाते हैं। यह प्रक्रिया तेजी से बार-बार रिपीट करते हैं। यह वेट लॉस के लिए काफी अच्छा व्यायाम है।

स्प्रिंटिंग (Sprinting)  ( तेज गति से दौड़ना ) – 

अक्सर लोग जॉगिंग को स्प्रिंटिंग समझने लगते हैं। जॉगिंग एक आराम गति दौड़ना और स्प्रिंटिंग कम समय में तेज गति से आप दौड़ना होता है।  तेज गति मे दौड़ने से आपकी ताकत,  स्पीड और सहनशक्ति मे धीरे-धीरे वृद्धि होने लगती है। इससे मसल्स को बिना नुकसान किये आसानी से वेट लॉस किया जा सकता है।

पुश-अप ( Push up) –

 चलते फिरते फिट रहने के लिए बॉडी वेट यह एक अच्छा व्यायाम है। अगर आप किसी कारणवश जिम तक नहीं जा सकते हैं, तो आप इस व्यायाम को घर पर ही कर सकते हैं, यह फैट बर्न करने वाला अच्छा एक्सरसाइज  माना जाता है। पुश-अप आपकी छाती कंधों और बाहों को अच्छे शेप में लेकर आती है।

पुल-अप ( Pull up)- 

यदि आप संपूर्ण स्वास्थ्य और फिटनेस को बेहतर बनाने के लिए बेहतरीन बॉडीवेट व्यायाम की तलाश में है, तो आपको पुल अप करना चाहिए। पुल-अप अप्पर बॉडी स्ट्रैंथ एक्सरसाइज है, जिसमें पूरे शरीर के भार को पंजे के सहायता से ऊपर उठाया जाता है और कोहनी को धड़ तक लाने का प्रयास किया जाता है।

स्क्वाटिंग ( Squatting) –

 अपने पैरों के घुटनो आगे की ओर मोड़ें और अपने हिप्स को पीछे की ओर ले जाए, ठीक इस तरह जैसे आप कुर्सी पर बैठ रहे हो। उठने बैठने की तेज प्रक्रिया को बार-बार दोहराने से आपकी जाँघ की मांसपेशियां को जल्दी प्रभावित करता है। इससे हिप्स की मसल्स के साथ पेट और लोअर बॉडी भी शेप में आती है। 

बर्पी ( Burpee )-

 यह पूर्ण शरीर का व्यायाम है। इसे 6 स्टेप में तेजी के साथ करना होता है। 1. स्क्वाटिंग कर अपने हाथों को फर्श पर रखना 2. फिर जम्प करके दोनों पैरों को पीछे ले जाना 3. पुश अप के लिए पूरे बॉडी को फर्श से चिपकाना 4. पुश अप करना 5. पैरों को वापस स्क्वाटिंग पोजीशन में लेकर आना 6. सीधे खड़े होकर अपने हाथ को ऊपर उठाकर जम्प करना।

वेट ट्रेनिंग ( Weight training) –

 इसमें मांसपेशियों और हड्डियों के साइज और ताकत को बढ़ाने के लिए बार्बल, डंबल या अन्य वेट लिफ्टिंग मशीन का यूज़ करके मसल्स में टेंशन बनाते है। इसको ध्यान से या ट्रेन प्रशिक्षक के सामने ही करना चाहिए, क्योंकि गलत टेक्निक से इस एक्सरसाइज के उपयोग करने से मोच खींचाव या फैक्चर भी हो सकता है।

रोइंग (Rowing ) –

 अगर आप जिम जाते हैं, तो आपने रोइंग मशीन के बारे में सुना होगा। रोइंग मशीन का उपयोग करते समय आपको मशीन सीट पर बैठने के बाद अपने पैरों को सामने दी गई बेल्ट से सुरक्षित करें। अब हैंडल को पकड़कर अपनी और खींचे और पैरों को तब तक फैलाए जब तक वह सीधा ना हो जाये । वापस मुद्रा मे आने तक घुटनों को मोड़ ले। रोलिंग मशीन पर एक्सरसाइज करने से आपको हार्टबीट और फेफड़ों की समस्या नहीं होती है। 

जंपिंग रोप ( Jumping Rope / Skeeping )- 

जंपिंग रोप एरोबिक और एनएरोबिक दोनों एक्सरसाइज के लिए काम कर सकता हैं। जब आप इसे तेज गति से करते हैं तो यह एनएरोबिक एक्सरसाइज में आ जाता है। जपिंग रोप को एनएरोबिक के रूप में करने के लिए बहुत आवश्यक अभ्यास की आवश्यकता होती है। इस एक्सरसाइज को करने से आपके पैर और तलवे के  ताकत में सुधार होता है।

स्क्वायट जम्प ( Squat Jump ) –

 यह एक बॉडी वेट व्यायाम है। इसे करने के लिए चेयर पोजीशन में रहकर तेजी से जम्प करना होता है और यह जम्प एड़ी के साथ नहीं बल्कि पंजों के साथ होता है। स्क्वायट जम्प करने से शरीर के निचले भाग में मसल्स और हड्डियां मजबूत होता है और ब्लड सरकुलेशन को बनाए रखता है।

प्लेंक ( Plank ) – 

यह एक ऐसी वर्कआउट है, जो शरीर को मजबूत करती है। इसको करने के लिए पेट के बल लेटना होगा और अपने दोनों कोहानियों को फर्श पर  टिकाते हुए हाथों को जमीन पर रखना है, फिर अपने शरीर को ऊपर उठाना है। इस पोजीशन मे रहते हुए जमीन को छुए बिना अपने घुटने को जल्दी से आगे-पीछे मोड़े और सीधा करें।

डिप (Dips) – 

इस एक्सरसाइज से अप्पर बैक मसल्स को मजबूती मिलती है। साथ ही मेंटल हेल्थ भी काफी स्ट्रांग होता है। इस एक्सरसाइज में  किसी मशीन या रिंग के सहायता से बॉडी को पूरा वेट हाथों में रखकर बॉडी को उपर-नीचे करते हैं।

डंकी किक्स (Dunkey Kick ) 

डंकी किक्स शरीर में होने वाले दर्द से राहत देता है। इसे करने के लिए पुश अप पोजीशन लेना होगा, फिर दोनों घुटनों को जमीन से सटाकर कमर को एक सीध रखना होगा। अब कमर टाइट करके फिर दायां घुटना को ऊपर उठाएं और नीचे लाएं, फिर यही प्रक्रिया बाया घुटना के साथ भी करें याद रखें कि जल्दी जल्दी करना है।

बेंच प्रेस (Bench Press ) –

 बेंच प्रेस को चेस्ट प्रेस भी कहा जाता है। इसमें बेंच पर पीठ के बल लेटना होता है, इसके बाद बार्बेल को ऊपर की ओर अपने चेस्ट से ताकत लगाते हुए हाथ से पुश अप करना होता है। इसे करने से अपर बॉडी पर अच्छा इफेक्ट पड़ता है।

बॉक्स जम्प (Box Jump ) – 

बॉक्स जम्प एक्सरसाइज का मतलब होता है बॉक्स पर जम्प करना।  इस एक्सरसाइज के लिए एक बॉक्स की आवश्यकता होती है। जो अपनी साइज के अनुसार सेलेक्ट किया जा सकता है। इससे हिप्स के मसल्स मजबूत होते हैं।  बॉक्स जम्प करते समय ध्यान रखे कि इससे पहले वार्म अप करें और इसे आखिरी वर्कआउट  के तौर पर करना चाहिए।

माउंटेन क्लीम्बर (Mountain Climber ) –

 पेट की चर्बी को कम करने के लिए यह एक्सरसाइज बहुत  अच्छा होता है। इसे करने के लिए शरीर को प्लेंक पोजीशन में लाएं। अब दोनों पैरों के घुटने को एक के बाद एक करके छाती तक ले जाए। पैरों को बदलते के समय सांस को अंदर बाहर किया जाता है और बहुत  बहुत तेजी के साथ किया जाता है।

प्लांक जैक ( Plank Jack ) – 

इसके लिए प्लेंक पोजीशन में आकर हाथों को स्थिर रखें और दोनों पैरों को तेजी से अंदर और बाहर करें, लेकिन ध्यान रहे कि यह प्रक्रिया करते समय जंप करते हुए दोनों पैरों को अंदर बाहर करना है।

कैटलबेल स्विंग (Kittlebell Swing )- 

इस एक्सरसाइज से करने से शारीरिक सहनशक्ति बढ़ती है। यह बहुत जल्दी फैट को बर्न करता है। कैटलबेल को करते समय अपने दोनों पैरों को एक साथ रखते हुए जांघो  के सामने से दोनों हाथों से कैटलबेल को उठाएं और दोनों के जांघों के बीच से ले जाते हुए कैटलबेल को ऊपर की ओर ले जाएं और अपने कंधे के ऊंचाई तक स्विंग करें।

योगा ( Yoga) –

 योगा को भी एनएरोबिक व्यायाम की श्रेणी में रखा गया है। योगा स्ट्रैचिंग, ब्रीडिंग, मेडिटेशन,  रिलैक्सेशन और  विजुलाइजेशन को एक साथ जुड़ता है। इसमें शरीर के मसल्स तनाव होती है और कई पावरफुल योगा बहुत जल्दी फैट बर्न करते हैं।

एरोबिक एंड एनएरोबिक गतिविधियों के बीच अंतर –

       एरोबिक एंड एनएरोबिक व्यायाम दोनों शरीर में अलग-अलग उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं। अगर आप अपने शरीर के स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए दोनों व्यायाम मे से किसी एक के साथ जुड़ना चाहते है, लेकिन आप तय नहीं कर पा रहे हैं कि एरोबिक एंड एनएरोबिक दोनों में से कौन सा व्यायाम आपके लिए ज्यादा बेहतर है। 

        तो पहले आपको एरोबिक और एनएरोबिक व्यायाम क्या है? और एरोबिक एंड एनएरोबिक गतिविधियों के बीच महत्वपूर्ण अंतरो को जानना आवश्यक है। तो आइए जानते दोनों के बीच में डिफरेन्सेस को : 

 एनएरोबिक एक्सरसाइज vs एरोबिक एक्सरसाइज

 1. एनएरोबिक और एरोबिक दोनों एक्सरसाइज के बीच मुख्य अंतर उनके हृदय गति और सांस से जुड़ा हुआ है। एरोबिक व्यायाम में स्थिर दर पर एनर्जी होता है, जबकि एनएरोबिक व्यायाम में फास्ट एनर्जी ब्रेक होता है।

2. कोई भी व्यायाम जब सामान्य गति या लो इंटेसिटी से की जाती है, तब वो एरोबिक के अंतर्गत आती है और वही व्यायाम जब हाई स्पीड डेंसिटी ( उच्च गति तीव्रता ) के साथ की जाती है तब वो एनएरोबिक व्यायाम कहलाती है। उदाहरण के तौर पर देखे तो स्विमिंग, स्किपिंग, साइकिलिग आदि है।

3. एरोबिक व्यायाम में नियमित रूप से और सिस्टमेटिक तरीके से आगे बढ़ा जाता है, जिसके लिए शरीर से उर्जा उत्पन्न करने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। जबकि एनएरोबिक मे शरीर के आंतरिक ऊर्जा का उपयोग किया जाता है, इसमें ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती है। 

4. एरोबिक व्यायाम में लंबी अवधि के लिए होता है जबकि एनएरोबिक व्यायाम छोटी अवधि के लिए होता है।

5. एरोबिक व्यायाम कम ताकत वाला होता है, जबकि एनएरोबिक व्यायाम अधिक मांग यानि ज्यादा ताकत वाला व्यायाम  होता है।

6. स्वास्थ्य विभाग के सलाह अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को हर हफ्ते नियमित रूप से एरोबिक व्यायाम करना चाहिए, जबकि एनएरोबिक व्यायाम एक सप्ताह 2 दिन भी किया जा सकता है।

7. यदि आप सिर्फ वजन कम करना चाहते हैं तो आप एरोबिक व्यायाम को यूज कर सकते हैं, लेकिन यदि आप वजन कम करने के साथ अपने बॉडी फिटनेस को बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको एनएरोबिक व्यायाम करना चाहिए।

      दोनों तरह के व्यायाम व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, हालांकि प्रत्येक से शरीर को अलग-अलग लाभ होते हैं। 

आखिर क्यों चुने, एनएरोबिक व्यायाम को?

      अधिकांश लोग एनएरोबिक व्यायाम क्या है, इसे क्यों करना चाहिए ये जाने बिना केवल शरीर के फिटनेस को ही अपना लक्ष्य मानकर एनएरोबिक एक्सरसाइज को अपनाते है। जबकि एनएरोबिक व्यायाम के कई और अविश्वसनीय और स्वास्थ्यवर्धक बेनिफिट है :

1. हड्डियों की ताकत और डेंसिटी को बढ़ाता है :

        एनएरोबिक व्यायाम हड्डियों के ताकत और डेंसिटी को बढ़ाता है, यह हड्डियों को कमजोर करने वाली एक बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस में भी काम करता है।

2. वजन को मेंटेन रखने में मदद करता है :

        एरोबिक एक्सरसाइज  बॉडी के लैक्टिक एसिड को प्रभावी ढंग से संचालित करने के साथ कोलेस्ट्रोल को मेंटेन करता है, ताकि वजन को नियंत्रित किया जा सके।

3. शरीर की सहनशक्ति को बढ़ाता है :

        इन एक्सरसाइज को करने से आपकी सहनशक्ति बढ़ेगी, जिससे आप ज्यादा समय तक काम करने में सक्षम होंगे यानि आप अधिक मेहनत करने के बाद ही थकान महसूस करेंगे।

4. मेटाबॉलिज्म और एनर्जी को बढ़ाता है :

      एनएरोबिक व्यायाम शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। साथ ही ये शरीर का ग्लाइकोजन ( जिसे शरीर ऊर्जा के रूप में उपयोग करता है ) को स्टोर रखने की क्षमता को बढ़ाता है, ताकि फ्यूचर में उसे ऊर्जा के रूप में उपयोग कर सकें। 

5. डिप्रेशन को कम करता है :

       कई एनएरोबिक एक्सरसाइज आपके मूड के हिसाब से काम करता है। जो आपको डिप्रेशन  से लड़ने में मदद करता है।

6. गंभीर बीमारियों के रिस्क को कम करता है :

       हाई स्पीड से किए जाने वाले एनएरोबिक व्यायाम जैसे स्क्वायट, पुशअप, वेटलिफ्टिंग आदि मधुमेह और हृदय रोग जैसे गंभीर बीमारियों के रिस्क को कम करते हैं।

7. जोड़ों की रक्षा करता है :

     अच्छे मांसपेशियों की निर्माण और ताकत से मांसपेशियों के जॉइंट पार्ट मे भी बेहतर सुरक्षा मिलती है। कभी चोट लगने की स्थिति मे भी जोड़ों पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है।

नुकसान जो, एनएरोबिक व्यायाम करने से हो सकती है : 

    एनएरोबिक व्यायाम काफी फायदेमंद है, लेकिन कभी-कभी सही ट्रेनिंग नहीं मिल पाने की वजह से कुछ स्थिति में ये एनएरोबिक व्यायाम किसी के लिए नुकसानदायक भी हो सकती है। अब एनएरोबिक व्यायाम  के नुकसान के बारे में जानते हैं :

1. ज्यादा हाई डेंसिटी वाले एक्सरसाइज करने पर कभी-कभी हार्ट स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।

2. एनएरोबिक एक्सरसाइज के कारण बॉडी में स्टोर एनर्जी जल्दी खत्म हो जाती है और मेटाबॉलिज्म  क्रिया के दौरान मसल्स में हाइड्रोजन आयन,  ब्लड में लैक्टिक एसिड जमा होने कारण मसल्स मे जलन होने लगता है।

3. बहुत अधिक व्यायाम करने से कभी-कभी चोट या थकावट भी हो सकता है।

4. ट्रेनर की उपस्थिति में या एक्सरसाइज करने की सही जानकारी नहीं होने के कारण कभी-कभी मसल्स में मोच या खिंचाव भी हो सकता है। जिससे कभी-कभी स्थायी शारीरिक नुकसान भी हो सकता है।

एनएरोबिक एक्सरसाइज किसे नहीं करना चाहिए।

       अगर आप हृदय से जुड़े कुछ कंडीशन, सांस से जुड़ी कोई समस्या या कुछ आंतरिक और पुरानी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। तो आपको एनएरोबिक एक्सरसाइज को अवॉयड करना चाहिए और एरोबिक एक्सरसाइज भी अपने चिकित्सक के सलाह अनुसार करना चाहिए। 

प्रशिक्षण के बिना भी एनएरोबिक व्यायाम कर सकते हैं।

     एनएरोबिक एक्सरसाइज को शुरू करने से पहले एनएरोबिक व्यायाम क्या है? इससे जुड़ी सारी जानकारी  जान लेनी चाहिए, क्योंकि ये व्यायाम काफी कठिन होता है। अगर आप फिटनेस की शुरुआत कर रहे हैं,  तो शुरुआती तौर पर एरोबिक व्यायाम को ही प्राथमिकता दें। अगर आपको एक्सरसाइज  करने की आदत हो गई है, तब आप एनएरोबिक एक्सरसाइज को ट्राई कर सकते हैं।

       हालांकि कुछ एनएरोबिक  एक्सरसाइज प्रशिक्षक के बिना घर पर भी किया जा सकता है, लेकिन बेहतर होगा यदि आप फिटनेस ट्रेनर के साथ इस एक्सरसाइज की शुरुआत करें। अगर आपको कोई बीमारी या पूर्व मे कोई चोट लगी है, तो आप एनएरोबिक एक्सरसाइज शुरू करने से पहले एक बार अपने चिकित्सक से सलाह  जरूर ले ले।

    एनएरोबिक एक्सरसाइज एग्जांपल एट होम के अंतर्गत अब जंपिंग रोप यानि रस्सी कूदना, पुशअप, बर्पी,  स्क्वार्टिंग को करने का प्रयास कर सकते है।

       तो  दोस्तों,  आज के इस ” कुछ सीखें ” में हमने आपके लिए एनएरोबिक व्यायाम क्या है? इससे जुड़ी सारी जरूरी जानकारी शेयर की है। अगर आप एनएरोबिक व्यायाम करना चाहते हैं और अब भी आपके मन में इस एक्सरसाइज से जुड़े कोई सवाल है, तो कमेंट बॉक्स में लिख डालिये और अगर लेकर लेख अच्छी लगी हो तो अपनो तक ये जानकारी पहुंचाने के लिए इस लेख शेयर जरूर करें।

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प्रोडक्ट मैनेजर का काम क्या होता है? – कुछ सीखे · 19/07/2022 at 1:51 pm

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