प्रोटीन शरीर एक बेसिक मिनरल है, जो मसल्स और हड्डियों को बनाने और विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। मानव शरीर कई प्रकार के प्रोटीन से मिलकर बने होते हैं, जो शरीर के अलग-अलग कार्यों को पूरा करने में मदद करते हैं। ठीक इसी तरह एल्ब्यूमिन नामक प्रोटीन ब्लड के कार्यों को नियंत्रित करने के लिए सबसे अहम प्रोटीन मे से एक होता है, लेकिन कभी-कभी ये एल्ब्यूमिन यूरिन डिस्चार्ज के साथ बाहर आने लगता है। यूरिन में प्रोटीन लीकेज ( यूरिन में एल्ब्यूमिन आना) हाई ब्लड शुगर और किडनी से जुड़े प्रॉब्लम को बढ़ा सकता है। हालांकि यूरिन के साथ प्रोटीन आने के कई कारण हो सकते हैं। यूरिन के साथ प्रोटीन का बाहर आना, प्रोटीन्यूरिया के नाम से भी जाना जाता है।
आज के “कुछ सीखें” लेख में हम आपको प्रोटीन्यूरिया क्यों होता है? और इससे संबंधित सारी जरूरी जानकारी बताने वाले हैं, लेकिन इससे पहले कि हम प्रोटीन्यूरिया के कारण को समझे, प्रोटीन्यूरिया क्या होता है? इसे जानते हैं!
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प्रोटीन्यूरिया क्या है?
प्रोटीन्यूरिया (प्रोटीनमेह) एक ऐसी प्रॉब्लम या बीमारी होती है, जिसमें मानव शरीर के यूरिन में असामान्य मात्रा में प्रोटीन मुख्य रूप से एल्ब्यूमिन की उपस्थिति होती है। ऐसी स्थिति निर्मित होने से ब्लड में प्रोटीन की कमी हो जाती है, जिसके कारण हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है। कई बार शरीर में प्रोटीन की अधिकता होने और कई अलग-अलग कारणों की वजह से अतिरिक्त प्रोटीन यूरिन के रास्ते बाहर निकलने लगते हैं। यूरिन में प्रोटीन की कम मात्रा मे हो, तो नुकसानदायक नहीं होती है, लेकिन यदि प्रोटीन अधिक होता है, तब किडनी में प्रॉब्लम होने की संभावना बढ़ जाती है।
यूरिन में प्रोटीन की सामान्य मात्रा
यूरिन में प्रोटीन की मात्रा के आधार पर प्रोटीन्यूरिया बीमारी का आंकलन किया गया है। सामान्य तौर पर यूरिन से एल्ब्यूमिन निकलने का दर <30 मिलीग्राम/दिन होता है। यदि इस प्रोटीन में थोड़ा सा वृद्धि होता है, तो एल्ब्यूमिन निष्कासन का ये दर 30 से 300 मिलीग्राम/दिन के बीच होता है, लेकिन प्रोटीन्यूरिया की स्थिति में यही एल्ब्यूमिन प्रोटीन के निकलने का दर 300-350 मिलीग्राम/दिन तक होने लगता है।
ज़ब प्रोटीन्यूरिया की स्थिति होती है तब बार बार पेशाब आना, सांस फूलना, ज्यादा थकान महसूस होना, मतली और उल्टी होना, पेट, पैर, हाथ और चेहरे में सूजन और भूख कम लगना, बुलबुला व झागदार यूरिन का आना जैसे लक्षण मरीज को महसूस होते हैं।
यूरिन में प्रोटीन आने के कारण क्या है?
यूरिन में प्रोटीन कुछ समय के लिए या नियमित रूप से भी आ सकते है। ऐसे कई तरह के बीमारी और हेल्थ प्रॉब्लम होते हैं, जिनके कारण कभी-कभी किडनी अच्छे से काम नहीं कर पाता है। किडनी के फिल्ट्रेशन की प्रक्रिया अच्छे से नहीं हो पाने के कारण यूरिन से प्रोटीन बाहर निकलने लगते है, लेकिन हर बार यूरिन से प्रोटीन निकलने का कारण किडनी प्रॉब्लम नहीं होता है। कई बार शरीर में कुछ और हेल्थ प्रॉब्लम होने की वजह से भी अधिक मात्रा में प्रोटीन यूरिन से डिस्चार्ज होने लगते हैं।
आइए जानते हैं प्रोटीन्यूरिया क्यों होता है? इनसे संबंधित कारणों के बारे में :
- डिहाइड्रेशन,
- डिप्रेशन,
- अधिक वर्कआउट/ हैवी वर्कआउट
- यूरिन इन्फेक्शन,
- ड्रग्स /कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट,
- अधिक प्रोटीन सप्लीमेंट का उपयोग,
- सामान्य फीवर की स्थिति में,
- हेमट्यूरिया ( यूरिन में ब्लड),
- हाई प्रोटीन युक्त डाइट का सेवन,
- पीरियड्स,
इस दौरान प्रोटीन थोड़े समय के लिए यूरिन के साथ डिस्चार्ज होने लगते हैं, लेकिन कुछ गंभीर कारणों की वजह से यूरिन से प्रोटीन का डिस्चार्ज कंटिन्यू होने लगता है, इन कारणों में शामिल है :
- एम्लोइडोसिस (शरीर के सभी अंगों में अतिरिक्त प्रोटीन का जमा होना)
- किडनी से जुड़ी प्रॉब्लम
- डायबिटीज
- ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (किडनी के उन सेल्स में सूजन हो जाना, जोकि ब्लड से प्रोटीन को फिल्टर करती हैं।)
- हार्ट से संबंधित समस्या
- हाई ब्लड प्रेशर
- नेफ्रोटिक सिंड्रोम
- प्रेगनेंसी
- रूमेटाइड आर्थराइटिस
- सिकल सेल एनीमिया आदि।
प्रोटीन रिच फूड खाने यूरिन कंपोजीशन में क्या चेंज होता है?
जैसा कि हम जानते हैं प्रोटीन्यूरिया एक ऐसा रोग है जो प्रोटीन की अधिकता के कारण होता है, इसलिए यदि हम प्रोटीन रिच फूड खाते हैं, तो प्रोटीन की ज्यादा मात्रा होने से यूरिन कंपोजिशन में परिवर्तन होता ही है। सामान्य तौर पर देखा गया है कि यूरिन की मात्रा और कलर, एनवायरनमेंट, ली गई पानी की मात्रा, बहुत अधिक मेहनत, नमक और प्रोटीन के अनुसार बदलती रहती है। आमतौर पर यूरिन का पीएच 5.5 से 7.0 के बीच होता है, लेकिन हाई प्रोटीन डाइट लेने से यूरिन का ये पीएच लेवल कम हो जाता है।
यूरिन में बड़ी मात्रा में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम पाया जाता है। यूरिन में नाइट्रोजन यूरिया के साथ सबसे ज्यादा मात्रा में उत्सर्जित होता है और जब आहार में प्रोटीन का सेवन अधिक होता है, तब ये नाइट्रोजन सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। अधिक प्रोटीन का सेवन यूरिन में नाइट्रोजन कंसंट्रेशन को चेंज करने के अलावा फास्फोरस, पोटेशियम जैसे अन्य खनिजों के स्तर को भी प्रभावित करते हैं। जबकि इसके विपरीत प्रोटीन का बहुत कम सेवन कैल्शियम के लेवल को डिस्टर्ब करता है।
यूरिन में प्रोटीन लिकेज कितना हानिकारक है?
प्रोटीन्यूरिया क्यों होता है? इस बात को समझने के बाद आपको ये भी जानना जरूरी है कि और यूरिन से प्रोटीन लीकेज प्रॉब्लम कितना हानिकारक है?
यूरिन में प्रोटीन के आने से पर्याप्त मात्रा में शरीर का तरल पदार्थ बाहर नहीं निकल पाता है, जिसके कारण अतिरिक्त द्रव्य पदार्थ शरीर में जमा होने लगते हैं, जो कि फेफड़ों में पानी जमने का कारण बनता है।
लंबे समय तक यूरिन से प्रोटीन का बाहर आना, किडनी के सही तरीके से काम नहीं करने के तरीके दर्शाता है। इससे किडनी इन्फेक्शन, किडनी सूजन या किडनी के खराब होने की आशंका बनी रहती है।
यदि यूरिन से प्रोटीन अत्यधिक मात्रा में निकल रहा है, तो ये यूरिन इन्फेक्शन का कारण भी बन सकता है, जिससे नियमित रूप से यूरिन डिस्चार्ज में प्रॉब्लम हो सकता है।
ब्लड के एल्ब्यूमिन प्रोटीन के बाहर निकलने से ब्लड में प्रोटीन की कमी हो जाती है, जिसके कारण हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती हैं।
प्रोटीन्यूरिया की गंभीर समस्या नेफ्रोटिक सिंड्रोम का कारण भी हो सकता है। प्रोटीन्यूरिया की प्रॉब्लम बढ़ने शुगर, किडनी इंफेक्शन, किडनी सूजन या अन्य प्रकार बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। और यदि आपके साथ पहले से ही शुगर, ब्लड प्रेशर, किडनी के बीमारी की फैमिली हिस्ट्री आदि की समस्या जुड़ी हुई है, तो प्रोटीन्यूरिया की प्रॉब्लम होने की संभावना ज्यादा होती है।
प्रोटीन इन यूरिन ट्रीटमेंट
यूरिन के साथ कम मात्रा में प्रोटीन का बाहर आना कोई बड़ी बीमारी नहीं है, लेकिन प्रोटीन्यूरिया की स्थिति बनती है तो इसका समय रहते इलाज करना जरूरी होता है। जैसा कि हमने पहले बताया है कि यदि डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी है, तो प्रोटीन्यूरिया के कारण किडनी प्रॉब्लम हो सकती हैं। यदि आपको प्रोटीन्यूरिया के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको तुरंत हाई प्रोटीन आहार को कुछ समय के लिए अपने डाइट में से बाहर कर देना चाहिए। इसके अलावा अपने लाइफस्टाइल को सही रखें। ध्यान रखें कि प्रोटीन्यूरिया कोई बड़ी प्रॉब्लम नहीं है। हालांकि प्रोटीन्यूरिया की प्रॉब्लम होने पर आपको तुरंत डॉक्टर के सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि डॉक्टर प्रोटीन्यूरिया होने के कारणों को पहचान कर ही उसका इलाज करते हैं। प्रोटीन्यूरिया का कोई विशेष इलाज नहीं होता है, बस वो किस कारण से होता है, उस कारण के लिए दवा दी जाती है, ताकि आपके यूरिन में प्रोटीन के स्तर को कंट्रोल किया जा सके।
डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल में बताई जानकारी को केवल सुझाव के रूप में लें, कुछ सीखें इनकी पुष्टि नहीं करता है।
दोस्तों उम्मीद करते हैं, आज के “कुछ सीखे”लेख में प्रोटीन्यूरिया क्यों होता है? इससे जुड़ी सारी जानकारी आपको मिल गई होगी। यदि प्रोटीन्यूरिया से संबंधित और कोई जानकारी चाहिए हो, तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं और किसी की हेल्प के लिए इस लेख को शेयर जरूर करें।
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