मानव शरीर में फैट और मसल्स दो प्रकार के टिशू होते हैं, जो स्वस्थ शरीर के मेटाबॉलिज्म और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वर्तमान दौर में ज्यादातर लोग मोटापे से परेशान हैं और कुछ लोग अच्छी मसल्स पाने के लिए जिम को ज्वाइन करते है। हालांकि इसके बाद भी काफ़ी लोग फैट और मसल्स  के बीच के अंतर को समझ नहीं पाते है। फैट यानि वजन का कम करना या मसल्स बनाना दो अलग-अलग चीज है, आज के “कुछ सीखे” लेख में हम आपको फैट और मसल्स के बीच क्या अंतर है, इसको बताने आए हैं।

      फैट और मसल्स के बीच क्या अंतर है?, इसे जानने से पहले हमें फैट क्या है? और मसल्स क्या है? इसे जानना होगा। आइए जानते हैं –

फैट क्या है?

   फैट, जिसे हिंदी में वसा के नाम से जाना जाता है,  यह शरीर में मौजूद एक प्रकार का तैलीय टिशू है। फैट की डेंसिटी कम होने कारण यह छूने से काफी साफ्ट होता है। मानव शरीर में दो प्रकार के फैट या चर्बी होते हैं। एक चमड़े के नीचे के फैट से दूसरा इंटेस्टाइन का फैट। चमड़े के नीचे का फैट शरीर के चमड़े के नीचे होता है,जबकि इंटेस्टाइन का फैट आंतरिक अंगों को मोटा करता है। डेंसिटी कम होने से ये काफी भारी होता है, इसलिए शरीर में अधिक जगह लेता है। 

मसल्स क्या है?

 मसल्स, जिसे हिंदी में मांसपेशी कहा जाता है। यह  शरीर में एक अन्य प्रकार का टिशु होता है। इसकी डेंसिटी फैट की तुलना में अधिक होती है। मानव शरीर में तीन प्रकार की मांसपेशी / मसल्स पाए जाते हैं, जिसमें स्मूथ मसल्स , कार्डिक मसल्स और स्केलटल मसल्स शामिल है। स्मूथ मसल्स में पेट, इंटेस्टाइन सहित सभी आंतरिक अंगों की दीवारों के अंदर होती है। कार्डिक मसल्स  हृदय के दीवारों में होती है। स्केलटल मसल्स हड्डियों से जुड़ा होता है, यही शरीर को फिट मसल्स  प्रदान करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

फैट और मसल्स में समानता और असमानता क्या है?

 समानताएं –

  •  दोनों ही शरीर के दो अलग प्रकार की टिशू है।
  •  दोनों ही प्रत्येक शरीर अलग आकार देने में मदद करती है।
  • शरीर के मेटाबॉलिज्म और कैलोरी को बन करने में दोनों सहायक भूमिका निभाते है।

 असमानताएं – 

  • फैट त्वचा या कुछ अंगों के आसपास जमा एक परत के रूप में होता है। जबकि मसल्स एक बंडल के रूप में शरीर के किसी भी अंग के साथ होता है,ताकि वह गतिशील रह सके।
  • फैट का रंग भूरा या पीला हो सकता है, जबकि मसल्स आमतौर पर लाल होते हैं।
  •  फैट में टिशू की कम डेंसिटी होती है, जबकि मसल्स में डेंसिटी ज्यादा होती है।
  •  फैट शरीर में अधिक मात्रा में होती है, जबकि मसल्स शरीर में कम मात्रा में होते हैं।
  •  फैट में मेटाबॉलिज्म के दौरान कम मात्रा में कैलोरी का उपयोग किया जाता है, जबकि मसल्स में मेटाबॉलिज में अधिक कैलोरी का उपयोग किया जाता है।
  •  फैट शरीर के तापमान को बनाए रखने, स्वस्थ त्वचा और बालों को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होता है, जबकि मसल्स शारीरिक संरचना और शरीर के अंगों की गति को बढ़ाने और ग्लूकोज/ एनर्जी  को स्टोर करने के लिए महत्वपूर्ण होता है।
  • एक स्वस्थ शरीर में 10 से 30% तक फैट होना चाहिए, जबकि 30 से 55 % तक मसल्स होना चाहिए।

       यहां हमने मुख्य रूप से फैट और मसल्स में क्या अंतर होता है? इसके बारे में जाना। आगे हम कैलोरी, वेट लॉस, फैट बर्न को भी समझ लेते है।

कैलोरी और फैट मे क्या अंतर है?

भोजन के रूप में मिलने वाली ऊर्जा कैलोरी होती है, कभी-कभी शरीर इन कैलोरी को तुरंत उपयोग कर लेता है और कभी-कभी ऊर्जा के रूप में इसे स्टोर करता है। कई बार कैलोरी का उपयोग नहीं होने की वजह से वो ट्राइग्लिसराइड में परिवर्तित हो जाते हैं, जो बाद में जाकर फैट के रूप में कोशिकाओं में जमा हो जाते हैं।

     वर्कआउट करने से आपके द्वारा ली गईं कैलोरी तुरंत ख़त्म हो जाती है और फिर अपनी शारीरिक गतिविधि से जमा फैट से ऊर्जा खींचने की कोशिश करते हैं। ऐसी स्थिति होने से शरीर में कैलोरी खत्म होने पर फैट का कम होना / वजन कम होना शुरू होने लगता है। इसलिए कह सकते हैं कि कैलोरी भोजन से ली गई प्रारंभिक उर्जा है, जबकि फैट शरीर में स्टोर की गई ऊर्जा होता है।

वेट लॉस और फैट बर्न में क्या अंतर है?

वेट लॉस मतलब जब हम अपने शरीर का वजन कम करते हैं, तो वजन कम होने के अंतर्गत शरीर की हड्डियां, मसल्स, फैट और पानी की कमी भी होती है। ओवरऑल वेट लॉस में कभी-कभी शरीर के मजबूत मसल्स भी कमजोर हो जाते हैं। इस प्रक्रिया को लीन मास भी कहा जाता है। 

     जबकि फैट बर्न में शरीर में पहले से स्टोर हुए गए फैट को बर्न करना होता है। लीन मास को सुरक्षित रखते हुए फिट बॉडी को पाना ही फैट बर्न होता है। सरल शब्दों में कहे तो शरीर से बिना किसी नुकसान के अतिरिक्त चर्बी को हटाना ही फैट बर्न कहलाता है। फैट बर्न करने के लिए प्रोटीन रिच फूलें, जिम ट्रेनिंग ले या फिर संतुलित डाइट चार्ट बनवा कर उसे फॉलो करें। 

फैट लॉस के लिए  आपको संतुलित आहार लेना होगा, ना कि वेट लॉस डाइट के अंतर्गत डेली आहार को छोड़ना होगा। शरीर को पर्याप्त मात्रा में एनर्जी देते हुए जमी हुई उन चर्बी को बर्न करना होगा, जिसका कोई उपयोग नहीं है।

   वेट लॉस से आपके शरीर को नुकसान हो सकता है, इसलिए बेहतर होगा कि फैट बर्न को टारगेट करने की कोशिश करें।

तो दोस्तों, आज के “कुछ सीखे” लेख में हमने आपको फैट और मसल्स में क्या अंतर होता है? इसके बारे में पूरी जानकारी दी है। यदि लेख आपको पसंद आया हो,  तो, कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर लिखें और शेयर करें। 

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